गौतम बुद्ध प्रेरक विचार। Gautam Buddha Quotes

भगवान गौतम बुद्ध दुनिया को अपने विचारो से नया रास्ता दिखाने वाले भारत के महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरु, एक महान समाज सुधारक और बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उन्होंने संसार को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। उनके जीवन से हमें सदा जीवन जीने और उच्च विचार रखने की प्रेरणा मिलती है। हम आपके लिए लेकर आए है उन्ही के द्वारा कहे गए अनमोल और प्रेरक विचारों का अनूठा संग्रह जो आपके मार्गदर्शन में आपकी मदद करेगा। हमें आशा है कि आपको यह जानकरी बेहद पसंद आएगी।

बुराई अवश्य रहना चाहिए, तभी तो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है।
–गौतम बुद्ध


अतीत में ध्यान केन्द्रित नहीं करना, ना ही भविष्य के लिए सपना देखना, बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में केंद्रित करना।
–गौतम बुद्ध


आप अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं हुए, आप अपने गुस्से के द्वारा दंडित हुए हो।
–गौतम बुद्ध


क्रोध करना एक गर्म कोयले को दूसरे पे फैंकने के समान है जो पहले आपका ही हाथ जलाएगा।
–गौतम बुद्ध


घृणा, घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है।
-गौतम बुद्ध


मन सभी मानसिक अवस्थाओं से ऊपर होता है।
–गौतम बुद्ध


आपको क्रोधित होने के लिए दंड नहीं दिया जायेगा, बल्कि आपका क्रोध खुद आपको दंड देगा।
-गौतम बुद्ध


एक शुद्ध निःस्वार्थ जीवन जीने के लिए, एक व्यक्ति को प्रचुरता में भी कुछ भी अपना नहीं है ऐसा भरोसा करना चाहिए।
-गौतम बुद्ध


बिना सेहत के जीवन, जीवन नहीं है; बस पीड़ा की एक स्थिति है – मौत की छवि है।
-गौतम बुद्ध


मन सब कुछ है, तुम जैसा सोचते हो, वैसा ही बनते हो।
–गौतम बुद्ध


स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन तथा विश्वसनीयता सबसे अच्छा संबंध है।
-गौतम बुद्ध


हम जो बोलते हैं अपने शब्दों को देखभाल के चुनना चाहिए कि इससे सुनने वाले पर क्या प्रभाव पड़ेगा, अच्छा या बुरा।
-गौतम बुद्ध


जो गुजर गया उसके बारे में मत सोचो और भविष्य के सपने मत देखो केवल वर्तमान पे ध्यान केंद्रित करो।
-गौतम बुद्ध


अपनी स्वयं की क्षमता से काम करो, दूसरों पर निर्भर मत रहो।
–गौतम बुद्ध


आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्श्या कीजिये। जो दूसरों से इर्श्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
–गौतम बुद्ध


शांतिप्रिय लोग आनंद से जीवन जीते हैं और उन पर हार या जीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
–गौतम बुद्ध


अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ़ नहीं रख पाएंगे।
-गौतम बुद्ध


जो व्यक्ति, क्रोधित होने पर अपने गुस्से को संभाल सकता है वह उस कुशल ड्राईवर की तरह है जोकि एक तेजी से भागती हुई गाडी को संभाल लेता है और जो ऐसा नहीं कर पाते, वे केवल अपनी सीट पर बैठे हुए दुर्घटना की प्रतीक्षा करते रहते हैं।
–गौतम बुद्ध


परमात्मा ने हर इंसान को एक जैसा बनाया है, अंतर सिर्फ हमारे मस्तिष्क के अंदर है।
-गौतम बुद्ध


मंजिल या लक्ष्य तक पहुँचने से ज्यादा महत्वपूर्ण यात्रा अच्छे से करना होता है।
-गौतम बुद्ध


सभी गलत कार्य मन से ही उपजाते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाए तो क्या गलत कार्य रह सकता है।
-गौतम बुद्ध


आप पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी ऐसे व्यक्ति को खोज लें जो आपको आपसे ज्यादा प्यार करता हो, आप पाएंगे कि जितना प्यार आप खुद से कर सकते हैं उतना कोई आपसे नहीं कर सकता।
-गौतम बुद्ध


एक मूर्ख व्यक्ति एक समझदार व्यक्ति के साथ रहकर भी अपने पूरे जीवन में सच को उसी तरह से नहीं देख पाता, जिस तरह से एक चम्मच, सूप के स्वाद का आनंद नहीं ले पाता है।
–गौतम बुद्ध


खुशी हमारे दिमाग में है – खुशी, पैसों से खरीदी गई चीजों में नहीं बल्कि खुशी इस बात में है कि हम कैसा महसूस करते हैं, कैसा व्यवहार करते हैं और दूसरे के व्यवहार का कैसा जवाब देते हैं इसलिए असली खुशी हमारे मस्तिष्क में है।
-गौतम बुद्ध


मनुष्य का दिमाग ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है।
-गौतम बुद्ध


आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें, लेकिन जब तक उन पर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है।
-गौतम बुद्ध


पैर तभी पैर महसूस करता है जब यह जमीन को छूता है।
-गौतम बुद्ध


सभी बुराइयों से दूर रहने के लिए, अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन में अच्छे विचार रखिये-बुद्ध आपसे सिर्फ यही कहता है।
–गौतम बुद्ध


जिस तरह से एक तीर बेचने वाला अपने तीर को सीधा करता है, उसी तरह से एक समझदार व्यक्ति खुद को साध लेता है।
–गौतम बुद्ध


सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई व्यक्ति दो गलतियां कर सकता है। एक, पूरा रास्ता तय न करना और दूसरा, इसकी शुरुआत भी न करना।
–गौतम बुद्ध


जीवन में एक दिन भी समझदारी से जीना कहीं अच्छा है, बजाय एक हजार साल तक बिना ध्यान के साधना करने के।
–गौतम बुद्ध


इर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी स्थाई नहीं हो सकती। अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं, तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते।
–गौतम बुद्ध


आप को जो भी मिला है उसका अधिक मूल्याङ्कन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें। वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, उन्हें मन को शांति कभी प्राप्त नहीं होती।
-गौतम बुद्ध


आपका मन ही सब कुछ है, आप जैसा सोचेंगे वैसा बन जायेंगे।
–गौतम बुद्ध


अच्छी चीजों के बारे में सोचें – हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं, इसलिए सकारात्मक बातें सोचें और खुश रहें।
-गौतम बुद्ध


खुद पर विजय प्राप्त करें – दूसरो के सामने कुछ भी साबित करने से पहले यह जरूरी है कि हम खुद को साबित करें हर इंसान की प्रतिस्पर्धा पहले खुद से होती है इसलिए दूसरों पर जीत हासिल करने से पहले यह जरुरी है कि हम खुद पर जीत हासिल करें।
-गौतम बुद्ध


किसी परिवार को खुश, सुखी और स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरुरी है- अनुशासन और मन पर नियंत्रण। अगर कोई व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर ले तो उसे आत्मज्ञान का रास्ता मिल जाता है।
-गौतम बुद्ध


अपने बराबर या फिर अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफ़र कीजिये, मूर्खो के साथ सफ़र करने से अच्छा है अकेले सफ़र करना।
–गौतम बुद्ध


असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है, हमारा असत्यवादी होना।
-गौतम बुद्ध


इच्छाओं का कभी अंत नहीं होता। अगर आपकी एक इच्छा पूरी होती है, तो दूसरी इच्छा तुरंत जन्म ले लेती है।
–गौतम बुद्ध


सदाचार को दुष्टों के द्वारा ज्यादा सताया जाता है बनिस्वत यह अच्छे लोगो के प्यार से।
-गौतम बुद्ध


एक हजार खोखले शब्दों से एक शब्द बेहतर है जो शांति लता है।
-गौतम बुद्ध


एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है, एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। इसी तरह सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन-मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है।
–गौतम बुद्ध


व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है; और कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका खुद पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी, जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।
–गौतम बुद्ध


सभी व्यक्तियों को सजा से डर लगता है, सभी मौत से डरते हैं। बाकी लोगों को भी अपने जैसा ही समझिए, खुद किसी जीव को ना मारें और दूसरों को भी ऐसा करने से मना करें।
–गौतम बुद्ध


अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है।
–गौतम बुद्ध


अपना रास्ता स्वंय बनाएं – हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मृत्यु को प्राप्त होते हैं, इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।
-गौतम बुद्ध


हमें हमारे अलावा कोई और नहीं बचा सकता, हमें अपने रास्ते पे खुद चलना है।
–गौतम बुद्ध


क्रोधित रहना, जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से पकड़े रहने के समान है यह सबसे पहले आप को ही जलाता है।
-गौतम बुद्ध


हर दिन की अहमियत समझें – इंसान हर दिन एक नया जन्म लेता है हर दिन एक नए मकसद को पूरा करने के लिए है इसलिए एक-एक दिन की अहमियत समझें।
-गौतम बुद्ध


चतुराई से जीने वाले लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है।
-गौतम बुद्ध


मौत एक विचलित मन वाले व्यक्ति को उसी तरह से बहा कर ले जाती है, जिस तरह से बाढ़ में एक गांव के (नींद में डूबे हुए) लोग बह जाते हैं।
–गौतम बुद्ध


कोई भी व्यक्ति सिर मुंडवाने से, या फिर उसके परिवार से, या फिर एक जाति में जनम लेने से संत नहीं बन जाता; जिस व्यक्ति में सच्चाई और विवेक होता है, वही धन्य है, वही संत है।
–गौतम बुद्ध


हजारों दियो को एक ही दिए से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है। ख़ुशी बांटने से ख़ुशी कभी कम नहीं होती।
-गौतम बुद्ध


खुशियों का कोई रास्ता नहीं, खुश रहना ही रास्ता है।
-गौतम बुद्ध


किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।
-गौतम बुद्ध


कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलते रहने से कुछ नहीं सीख पाता, समझदार व्यक्ति वही कहलाता है जोकि धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है।
–गौतम बुद्ध


जिस तरह एक मोमबत्ती की लौ से हजारों मोमबत्तियों को जलाया जा सकता है फिर भी उसकी रौशनी कम नहीं होती उसी तरह एक दूसरे से खुशियाँ बांटने से कभी खुशियाँ कम नहीं होतीं।
–गौतम बुद्ध


निष्क्रिय होना मृत्यु का एक छोटा रास्ता है, मेहनती होना अच्छे जीवन का रास्ता है, मूर्ख लोग निष्क्रिय होते हैं और बुद्धिमान लोग मेहनती।
–गौतम बुद्ध


क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं।
–गौतम बुद्ध


इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें।
-गौतम बुद्ध


एक सुराही बूंद-बूंद से भरता है।
-गौतम बुद्ध


हजारों लड़ाइयाँ जीतने से बेहतर है कि आप खुद को जीत लें, फिर वो जीत आपकी होगी जिसे कोई आपसे नहीं छीन सकता ना कोई स्वर्गदूत और ना कोई राक्षस।
-गौतम बुद्ध


हजार लड़ाई जीतने से अच्छा है अपने आप को जीतना। फिर जीत तुम्हारी है, इसे तुमसे कोई नहीं ले सकता न ही स्वर्गदूतों द्वारा न ही राक्षसों द्वारा, न ही स्वर्ग या नरक में।
–गौतम बुद्ध


आपको जो कुछ मिला है उस पर घमंड ना करो और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करो, घमंड और ईर्ष्या करनेवाले लोगों को कभी मन की शांति नहीं मिलती।
–गौतम बुद्ध


सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं?
–गौतम बुद्ध


अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है। परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो।
-गौतम बुद्ध


एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए; क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है, लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा।
-गौतम बुद्ध


जीभ एक तेज चाकू की तरह बिना खून निकाले ही मार देता है।
-गौतम बुद्ध


गुजरा वक्त वापस नहीं आता – हम अक्सर ऐसा सोचते हैं कि अगर आज कोई काम अधूरा रह गया तो वो कल पूरा हो जाएगा हालांकि जो वक्त अभी गुजर गया वो वापस नहीं आएगा।
-गौतम बुद्ध


शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्त्तव्य है, नहीं तो हम अपने दिमाग को मजबूत एंव स्वच्छ नहीं रख पाएंगे।
-गौतम बुद्ध


हमें अपने द्वारा की गयी गल्तियों की सजा तुरंत भले न मिले, पर समय के साथ कभी न कभी अवश्य मिलती है।
–गौतम बुद्ध


अगर आप वाकई में अपने आप से प्रेम करते है, तो आप कभी भी दूसरों को दुःख नहीं पहुंचा सकते।
-गौतम बुद्ध


एक जलते हुए दीपक (मोमबत्ती) से हजारों दीपक रौशन किए जा सकते है, फिर भी उस दीपक की रौशनी कम नहीं होती। उसी तरह खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है,कम नहीं होती।
-गौतम बुद्ध


हम अपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं; हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं। जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ चलती है।
-गौतम बुद्ध


घृणा (बुराई) से घृणा (बुराई) कभी खत्म नहीं हो सकती। घृणा को केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है और यह एक प्राकृतिक सत्य है।
-गौतम बुद्ध


अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है, अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और साफ रखने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
–गौतम बुद्ध


वह व्यक्ति जो लोगों को प्यार करता है, दुखों से घिरा होता है, जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है।
-गौतम बुद्ध


अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें, दूसरों पर निर्भर नहीं रहें।
-गौतम बुद्ध


अगर व्यक्ति से कोई गलती हो जाती है, तो कोशिश करें कि उसे दोहराएं नहीं। उसमें आनन्द ढूंढने की कोशिश न करें, क्योंकि बुराई में डूबे रहना दुःख को न्योता देता है।
–गौतम बुद्ध


शांति मन के अन्दर से आती है इसके बिना इसकी तलाश मत करो।
-गौतम बुद्ध


किसी बात पर हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़कर अपने लिए प्रयास करने लग जाते है।
–गौतम बुद्ध


निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं, वही जीवन में शांति पाते हैं।
–गौतम बुद्ध


हर अनुभव कुछ न कुछ सिखाता है – हर अनुभव महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम अपनी गलतियों से ही सीखते हैं।
-गौतम बुद्ध


जिस तरह एक मोमबत्ती बिना आग के खुद नहीं जल सकती, उसी तरह एक इंसान बिना आध्यात्मिक जीवन के जीवित नहीं रह सकता।
-गौतम बुद्ध


जिस व्यक्ति का मन शांत होता है, जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है, वह वही व्यक्ति होता है जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दुःख-तकलीफों से मुक्त हो चुका है।
–गौतम बुद्ध


चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ लें या बोल लें, वो आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते?
–गौतम बुद्ध


बीते हुए कल को जाने दीजिये, भविष्य को जाने दीजिये, वर्तमान को भी जाने दीजिये, और अपने अस्तित्व की सीमाओं से बाहर झाँक कर देखिये। जब आपका मन पूरी तरह आजाद होता है, तो आप जीवन-मृत्यु को उसके सही स्वरूप में देख पाते हैं।
–गौतम बुद्ध


अगर थोड़े से आराम को छोड़ने से व्यक्ति एक बड़ी खुशी को देख पाता है, तो एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह थोड़े से आराम को छोड़कर बड़ी खुशी को हासिल करे।
–गौतम बुद्ध


चन्द्रमा की तरह, बादलों के पीछे से निकलो! चमको।
-गौतम बुद्ध


आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करते हैं।
-गौतम बुद्ध


जिस तरह से लापरवाह रहने पर, घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर सकती है, उसी तरह से धर्म के असली स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको नरक के दरवाजे पर पहुंचा सकती है।
–गौतम बुद्ध


एक समझदार व्यक्ति अपने अंदर की कमियों को उसी तरह से दूर कर लेता है, जिस तरह से एक स्वर्णकार चांदी की अशुद्धियों को चुन-चुन कर, थोडा-थोडा करके और इस प्रक्रिया को बार-बार दोहरा कर दूर कर लेता है।
–गौतम बुद्ध


उसने मेरा अपमान किया, मुझे कष्ट दिया, मुझे लूट लिया, जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं, वे कभी भी चैन से नहीं रह पाते हैं। सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं, जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं।
–गौतम बुद्ध


हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाये।
-गौतम बुद्ध


हर इंसान को यह अधिकार है कि वह अपनी दुनिया की खोज स्वंय करे।
-गौतम बुद्ध


किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, क्योंकि जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है।
–गौतम बुद्ध


हर इंसान अपने स्वास्थ्य या बीमारी का लेखक है।
–गौतम बुद्ध


जिस तरह से तूफ़ान एक मजबूत पत्थर को हिला नहीं पाता, उसी तरह से महान व्यक्ति, तारीफ़ या आलोचना से प्रभावित नहीं होते।
–गौतम बुद्ध


तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य।
-गौतम बुद्ध


तीन चीज़ें ज्यादा देर तक नहीं छुपी रह सकतीं – सूर्य, चन्द्रमा और सत्यैं। – गौतम बुद्ध


भूतकाल में मत उलझो, भविष्य के सपनों में मत खो जाओ वर्तमान पर ध्यान दो यही खुश रहने का रास्ता है।
-गौतम बुद्ध


मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।
-गौतम बुद्ध


शक की आदत सबसे खतरनाक है। शक लोगो को अलग कर देता है। यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है।
-गौतम बुद्ध


ज्ञानी व्यक्ति कभी नहीं मरते और जो नासमझ हैं, वे तो पहले से ही मरे हुए हैं।
–गौतम बुद्ध

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