रिलेशनशिप कोट्स हिंदी – Relationship Quotes hindi
इस कलेक्शन में रिलेशनशिप पर कोट्स दिए है जिससे आप रिलेशन में है आप उन्हें एक मैसेज भेज कर आपके रिलेशन को मजबूत बना सकते है अपने रिश्तों को निभाना व्यक्ति के जीवन का एक बहुत अहम् हिस्सा होता है इसी से व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ने का हौसला मिलता है क्योंकि ये रिलेशन्स ही उसे मोटीवेट करते है।
जिंदगी में रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल होता हैं, जितना हाथ में लिये हुए पानी को गिरने से बचाना।
दिल के रिश्ते ही हमारी ताकत बन सकते हैं, खोखले रिश्ते हमारी कमजोरी ही बनते हैं। खोखले रिश्ते जरूरतों को तो पूरा कर सकते हैं, लेकिन हमें संतुष्टि नहीं दे सकते हैं।
रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह कीजिये, क्योंकि दोनों को गँवाना आसान है और कमाना मुश्किल है।
पतझड़ भी हिस्सा है जिंदगी के मौसम का, फर्क सिर्फ इतना है, कुदरत में पत्ते सूखते हैं, और हकीकत में रिश्ते।
भूल जीवन का एक पेज है और सम्बन्ध पूरी किताब। जरुरत पड़े तो भूल का एक पेज फाड़ देना, लेकिन एक छोटे- से पेज के लिए पूरी किताब नहीं।
ये रिश्ते भी अजीब हैं, बिना विश्वास के शुरु नहीं होते और बिना धोखे के ख़तम नहीं होते।
जिंदगी में कुछ रिश्ते आईने की तरह सच्चे, फूलों की तरह पाक, वक्त की तरह अनमोल, रेशम की डोर की तरह नाजुक, और साँसों की तरह जरूरी होते हैं, लेकिन फिर भी ऐसे रिश्तों का कोई नाम नहीं होता।
दिल बड़ा रखने और मन साफ़ रखने से रिश्ते लम्बे चलते है, छोटी सोच और मन में मैल, रिश्तों को कब ख़त्म कर दे कुछ नहीं पता।
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ-साथ नहीं चलते, रिश्ते एक बार बनते हैं, फिर जिंदगी रिश्तों के साथ साथ चलती है।
आजकल के रिश्ते ऐसे हो गये हैं कि हम अगर आवाज ना दें तो सामने से भी आवाज नहीं आती हैं।
पत्तों सी होती है कई रिश्तों कि उम्र… आज हरे…कल सूखे, क्यों ना हम जड़ों से सीखे रिश्ते निभाना।
जिंदगी के बारे में बस… इतना ही लिख पाया हूँ, बहुत मजबूत रिश्ते थे, बहुत कमजोर लोगों से।
रिश्तों को बस इस तरह से बचा लिया करो, कभी मान जाया करो तो कभी मना लिया करो।
घर के सदस्यों का स्नेह डॉक्टर की दवाई से ज्यादा असरदार होता है।
अहसासों की नमी बेहद जरुरी है हर रिश्ते में, रेत भी सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है।
आप कितने ही व्यस्त क्यों न हों। उन लोगों पर जरूर ध्यान दें, जो आपके कामों को करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, ऐसे रिश्ते अनमोल होते हैं।
रिश्ते तो बहुत होते हैं, पर जो दर्द बांटने लगे वही असली रिश्ता है।
सख़्त हाथों से भी छूट जाती हैं कभी कभी उँगलियाँ, रिश्ते ज़ोर से नही तमीज़ से थामने चाहिए।
स्वांत: सुखाय ही नहीं, परमार्थ पर भी विश्वास रखें। यदि कोई आप के काम आता है तो आप भी उसके काम आएं, रिश्ते मधुर बने रहेंगे।
किसी से सिर्फ उतना ही दूर होना, जिससे कि उसे आपकी अहमियत का एहसास हो जाए। किन्तु इतना भी दूर मत होना कि वो आपके बिना जीना ही सीख ले।
बड़े प्यारे होते हैं ऐसे रिश्ते, जिन पर हक़ भी न हो और शक भी न हो।
जो बांधने से बंधे और तोड़ने से टूट जाए उसका नाम है “बंधन”। जो अपने आप बन जाए और जीवन भर ना टूटे उसका नाम है “संबंध”।
अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि, माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये…।
व्यंग्य और बहस से रिश्ते कमजोर हो जाते हैं इसलिए कभी भी ऐसी लड़ाई नहीं लड़नी चाहिए। जिससे बहस तो जीत जाओ लेकिन अपनों को हार जाओ।
दूर रहकर भी जो अपना फ़र्ज़ निभाते हैं, वही “रिश्ते” सच में अपने कहलाते हैं।
रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते, क्योंकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते हैं।
मिल जाए उलझनों से फुरसत तो जरा सोचना, क्या सिर्फ फुरसतों में याद करने तक का रिश्ता है हमसे।
अगर कोई याद नहीं करे तो आप कर लीजिए, रिश्ते निभाते वक्त, मुकाबला नहीं किया जाता।
धन ना हो तो रिश्ते, उँगली पर गिने जाते हैं, और धन हो तो रिश्ते, डायरी में लिखे जाते हैं।
किसी भी रिश्ते की खूबसूरती एक- दूसरे की बात समझने में है, ना कि केवल अपनी बात समझाने और खुद को सही साबित करने में।
रूबरू होने की तो छोड़िये, गुफ़्तगू से भी क़तराने लगे हैं, ग़ुरूर ओढ़े हैं रिश्ते, अपनी फितरत पर इतराने लगे हैं…!
जब रिश्तों के बीच से विश्वास गायब होने लगे और उसकी जगह जिद, मुकाबला और बदतमीजी आ जाए, तब वो रिश्ते खत्म होने की तरफ बढ़ने लगते हैं।
जीत की आदत अच्छी होती है, मगर कुछ रिश्तों में हार जाना बेहतर है।
वक्त तो रेत है, फिसलता ही जायेगा। जीवन एक कारवां है, चलता चला जायेगा। मिलेंगे कुछ खास, इस रिश्ते के दरमियां। थाम लेना उन्हें वरना, कोई लौट के न आयेगा।
कुछ लोग पिघल कर मोम की तरह रिश्ते निभाते हैं, और कुछ लोग आग बन कर उन्हें जलाते ही जाते हैं।
सब ने पैसा तो बहुत कमा लिया, पर उस पैसे का क्या मोल है। अपनों का प्यार और रिश्ते इस पैसे से कहीं अनमोल है।
किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता, बल्कि नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है।
रिश्ते अहसास के होते हैं, अगर अहसास हो तो, अजनबी भी अपने होते हैं और अगर अहसास नहीं तो, अपने भी अजनबी होते हैं।
आनंद केवल रिश्ते बनाने में नहीं मिलता, आनंद तो रिश्तों को जीने में मिलता हैं, रिश्तों को जिन्दा रखें व रिश्तों में जियें। यही है जिन्दगी।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं और ना पास रहने से जुड़ जाते हैं। यह तो अहसास के पक्के धागे हैं, जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं।
जबरदस्ती रिश्ते तोड़े जरूर जा सकते हैं, पर बनाये नहीं जा सकते।
किसी भी रिश्ते को टिकने के लिए दो व्यक्तियों के मन में एक-दूसरे के प्रति सम्मान होना चाहिए। किसी भी रिश्ते को एकतरफा नहीं निभाया जा सकता है।
इतना आसान नहीं है ज़िंदगी के किरदारों को निभा पाना, हर पल बिखरना पड़ता है रिश्तों को संवारने के लिये।
बहुत से रिश्ते इसलिए खत्म हो जाते हैं, क्यूंकि एक सही बोल नहीं पाता दूसरा समझ नहीं पाता।
ख्वाहिश सबकी है कि रिश्ते सुधरें, पर चाहत है कि शुरुआत उधर से हो।
बड़े अनमोल हैं ये खून के रिश्ते, इनको तू बेकार न कर। मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई, घर के आंगन में दिवार न कर।
यदि आप रिश्तों की गलतफहमियों को जल्द दूर नही करेंगे तो उस रिश्ते को हमेशा के लिए खो देंगे।
रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है, कि लोग झुकना पसंद नहीं करते।
अपनापन छलके जिनकी बातों में, सिर्फ कुछ लोग ही होते हैं लाखों में।
न किस्सों में, और न किस्तों में, ज़िन्दगी की ख़ूबसूरती है चंद सच्चे रिश्तों में।
कुछ रिश्तों का नाम नहीं होता है, क्योंकि ऐसे रिश्ते, रिश्तों से बड़े हो जाते हैं।
मिट्टी का मटका और परिवार की कीमत, सिर्फ बनाने वाले को पता होती है तोड़ने वाले को नहीं।
किसी भी रिश्तेदार या दोस्त पर भी हद से ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए।
कमाल है आजाद रिश्तों में लोग बंधन ढूंढ रहे हैं, और बंधे रिश्तों में आजादी।
रिश्तों को गलतियां इतना कमजोर नहीं करती, जितना कि गलतफहमियां करती हैं।
वो रिश्ते भी प्यारे होते हैं, जिनमें न हक़ हो न शक हो। न अपने हो न पराये हो, न दूर हो न पास हो, न ज़ज़्बात हो, सिर्फ अहसास ही अहसास हो।
हर रिश्ते की एक मर्यादा होती हैऔर हमें उस मर्यादा को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि जब रिश्तों की मर्यादा टूट जाती है, तो बहुत कुछ खत्म हो जाता है।
जिस रिश्ते को आप लम्बे समय तक निभाना चाहते हों, उस रिश्ते में किसी और को मध्यस्थ न बनाएँ।
जब आपकी गलती हो तो गलती मानिये, इससे रिश्ते जल्दी नहीं टूटेंगे। हम जिन लोगों के साथ ज्यादा Contact में नहीं रहते हैं, वैसे रिश्ते नाम के रिश्ते रह जाते हैं।
जब हम अपने रिश्तों के लिए वक़्त नही निकाल पाते, तो वक़्त हमारे बीच से रिश्ता निकाल देता है।
अच्छे रिश्तों को वादे और शर्तों की जरुरत नहीं होती, बस दो खूबसूरत लोग चाहिए, एक निभा सके और दूसरा उसे समझ सके।
कोई भी रिश्ता ना होने पर भी जो रिश्ता निभाता है, वो रिश्ता एक दिन दिल की गहराइयों को छू जाता है।
अजीब पहेली है; कहीं रिश्तों के नाम ही नहीं होते और कहीं पर सिर्फ नाम के ही रिश्ते होते हैं।
जब नाख़ून बढ़ जाते हैं, तब नाख़ून ही काटे जाते हैं, उंगलियाँ नहीं। इसलिए अगर रिश्ते में दरार आ जाए तो दरार को मिटाइए न कि रिश्ते को।
पता नहीं क्यों, लोग रिश्ते छोड़ देते हैं, लेकिन जिद नहीं।
जिनके पास अपने हैं, वो अपनों से झगड़ते हैं और जिनके पास कोई अपना नहीं, वो अपनों के लिए तरसते हैं।
रिश्ते की सबसे बड़ी बुनियाद आपसी समझ और भरोसा है, इसके अभाव में रिश्तों का महल एक दिन ढह जाता है।
रिश्ते कभी भी सबसे जीतकर नहीं निभाए जा सकते। रिश्तों की खुशहाली के लिए झुकना होता है, सहना होता है, दूसरों को जिताना होता है और स्वयं हारना होता है। सच्चे रिश्ते ही वास्तविक पूँजी है।
प्यार, विश्वास और भरोसा ये तीन चीज किसी रिश्ते में ना महसूस हो तो, रिश्ता नहीं रखने में ही भलाई है।
रिश्ते कैसे निभाए जाते हैं ये बच्चों से सीखिए, जो आपस में लड़ने के थोड़ी देर बाद फिर दोस्त बन जाते हैं।
मिलते रहना सबसे, किसी ना किसी बहाने से, रिश्ते मजबूत बनते हैं दो पल साथ बिताने से।
रिश्तों को कभी धोखा मत दो, पसंद ना आऐ तो उसे पूर्ण विराम कर दो।
रिश्तों की भीड़ में उन लोगों को हमेशा महत्व दीजिए, जो आपको दिल से मानते हैं। क्योंकि दिल से मानने वाले लोग कभी कभार हीं मिलते हैं।
जहां तक रिश्तों का सवाल है, लोगों का आधा वक़्त, अन्जान लोगों को इम्प्रेस करने, और अपनों को इग्नोर करने में चला जाता हैं।
अपनी नाराज़गी को कुछ देर तक चुप रहकर मिटा लिया करें, क्योंकि गलतियों पर तर्क करने से अक्सर रिश्ते उलझ जाया करते हैं।
किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं, मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती, एक साँस भी तब आती है, जब एक साँस छोड़ी जाती है।
अच्छा दिल और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक हैं, अच्छे दिल से कई रिश्ते बनेंगे और अच्छे स्वभाव से वो जीवन भर टिकेंगे।
रिश्ते आजकल रोटी की तरह हो गए हैं, जरा सी आंच तेज क्या हुई, जल भुनकर खाक हो जाते हैं।
काश.. लोग ये समझ जाते रिश्ते एक दूसरे का खयाल रखने के लिए बनाए जाते हैं, एक दूसरे का इस्तेमाल करने के लिए नहीं।
हर एक रिश्ते की एक मर्यादा होती है, एक लकीर होती है, अगर वह पार कर दी तो रिश्ते की अहमियत चली जाती है।
हम भी वहीं होते हैं, रिश्ते भी वहीं होते हैं और रास्ते भी वहीं होते हैं, बदलता है तो बस समय, अहसास, और नज़रिया।
खुशकिस्मत वालों को मिलते हैं परवाह करने वाले, दिल से बनाए गऐ रिश्ते खत्म नहीं होते, बस कभी कभी खामोश हो जाते हैं।
परिवार वह सुरक्षा कवच है जिसमें रह कर व्यक्ति शान्ति का अनुभव करता है।
रिश्तों में कभी भी तकरार में बोलचाल बंद ना कर सुलह के हर संभावित मौके को जीवित रखें। और हां अपने मिथ्या अभिमान को दफना दें, सारे झगड़े की फसाद सिर्फ और सिर्फ झूठा अभिमान है।
कभी नहीं टूटता वो रिश्ता, जहाँ निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो।
शर्त थी रिश्तों को बचाने की, “और” यही वजह थी मेरे हार जाने की।
रिश्ते कांच के होते हैं, अगर संभाल कर नहीं रखेंगे तो टूटेंगे और चुभेंगे भी।
रिश्ते वो बड़े नहीं होते जो जन्म से जुड़े होते है, रिश्ते वो बड़े होते है जो दिल से जुड़े होते है।
सिर्फ दुनिया के सामने जीतने वाला ही विजेता नहीं होता, किन रिश्तों के सामने कब और कहाँ हारना है, यह जानने वाला भी विजेता होता है।
जो रिश्ते गहरे होते हैं, वो अपनेपन का शोर नहीं मचाते।
कितने दूर निकल गए, रिश्तों को निभाते निभाते, खुद को खो दिया हमने, अपनों को पाते पाते।
कभी भी काम पड़ सकता है, आधे रिश्ते तो लोग इसी वजह से निभा रहे हैं।
राजनीति में रिश्ते हो तो कोई तकलीफ नही, किन्तु रिश्तों में राजनीति नही होनी चाहिए।
अगर रिश्तों की जड़ मजबूत है तो दूरी कोई मायने नहीं रखती है।
रिश्ते तोड़ने तो नहीं चाहिए, लेकिन जहाँ कदर ना हो वहां निभाने भी नहीं चाहिए।
किसी ने क्या खूब कहा हैं:- बहुत ज्यादा परखने से, बहुत अच्छे रिश्ते भी टूट जाते हैं।
मस्त हो कर हम नाचना जानते हैं। फूल बन कर हम महकना जानते हैं। मुस्करा कर ग़म भूलना हम जानते हैं। लोग खुश होते हैं हमसे क्योंकि, बिना मिले ही हम रिश्ते निभाना जानते हैं।
छोटी- छोटी बातें दिल में रखने से बड़े- बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं।
बिना कहे जो सब कुछ कह जाते हैं, बिना कसूर के जो सब कुछ सह जाते हैं।
झूठ बोलकर रिश्ते उलझाने से अच्छा है सच बोलकर सुलझा लिया जाए, क्योंकि सच्चाई देर सबेर सामने आ ही जाएगी।।
धूल केवल चीजों पर ही नहीं जमती बल्कि रिश्तों में भी जम जाती है। बचपन में एक-दूसरे का खयाल रखने वाले, चेहरा देख कर और आवाज की लय सुन कर एक-दूसरे की परेशानी भांपने वाले न जाने क्यों और कब इतने बड़े हो जाते हैं कि एक-दूसरे की चिंता को भांप कर भी अनदेखी कर देते हैं ?
बड़े परिवार में एक दूसरे की भूल- चूक माफ करते रहने से ही प्रेम बना रहता है।
जिंदगी में किसी का साथ काफ़ी है, कंधे पर किसी का हाथ काफ़ी है। दूर हो या पास फर्क नहीं पड़ता, सच्चे रिश्तों का बस अहसास ही काफ़ी है।
रिश्ते कभी अपने आप नहीं टूटते, अहंकार, अज्ञान और रवैये उन्हें तोड़ देते हैं।
जरूरी नहीं कि सारे सबक किताबों से ही सीखें, कुछ सबक जिन्दगी और रिश्ते सिखा देते हैं।
रिश्ते ऐसे बनाओ कि जिसमें, शब्द कम और समझ ज्यादा हो, झगड़े कम और नजरिया ज्यादा हो।
अगर आपके रिश्ते में पूरी तरह से विश्वास, इमानदारी और समझदारी है तो जीवन में आपको वचन, कसम, नियम और शर्तों की कभी जरुरत नहीं पड़ेगी।
ऐसे लोगों पर कभी विश्वास मत करो, जो रिश्तों को कपड़ों की तरह बदलते हैं।
कभी-कभी रिश्तों का मतलब वो लोग भी समझा देते हैं, जिनसे हमारा कोई रिश्ता नहीं होता।
हम रिश्तों के बिना नहीं रह सकते, क्योंकि रिश्ते ही तो हमें एक-दूसरे के करीब लाते हैं। अगर रिश्ते न हों तो हम जी भी नहीं पाएंगे, इन्हीं के कारण हमें ठोस आधार मिलता है।
मुलाकातें जरुरी है अगर रिश्ते बचाना है, लगाकर भूल जाने से तो पौधे भी सुख जाते हैं।
रिश्ता ‘बारिश जैसा नहीं’ होना चाहिए, जो एक बार बरस कर खत्म हो जाये, बल्कि रिश्ता ‘हवा की तरह’ होना चाहिए, जो खामोश हो, पर हमेशा आसपास हो।
रिश्ते निभाना हर किसी के बस की बात नहीं, अपना दिल दुखाना पड़ता है दूसरों की ख़ुशी के लिए।
रिश्ते जोड़ने या तोड़ने से पहले हजार बार सोच लेना चाहिए।