जिंदगी के सफ़र पर शायरी | Shayari on the journey of life
हर किसी का जीवन एक सफर की तरह है और इस सफर का अंत मुसाफिर का अंत है। कई लोग इस सफ़र को शानदार तरीके से जीते हैं और कई लोग एक बोझ समझ कर अपने सफर की मंजिल का इन्तजार करते रहते है। इस सफ़र में सबको बराबर का मौका मिलता है आगे बढ़ने का और खुद को साबित करने का। कुछ अपना मुकाम बना लेते हैं और कुछ गुमनाम दुनिया में खो जाते है। आज हम इसी जिंदगी के सफर पर आधारित कुछ शायरी आपके लिए लेकर आएं है जो आपको काफी पसंद आएगी।
मुसीबतें लाख आएंगी जीवन की राहों में,
रखना तू सबर,
मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिन,
बस जारी रखना तू सफ़र।
वो जीवन में क्या आये,
बदल गयी जिंदगी हमारी,
वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी,
धीरे-धीरे।
दिल से मांगी जाए तो,
हर दुआ में असर होता है,
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,
जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है।
मुकम्मल होगा सफ़र एक दिन,
बस दिल में ताजा जज़्बात रखना,
तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन,
अपने काबू में हर हालत रखना।
मशहूर हो जाते हैं वो,
जिनकी हस्ती बदनाम होती है,
कट जाती है जीवन सफ़र में अक्सर,
जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं।
रहेंगे दर्द जिंदगी में,
तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?
निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को,
न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?
उम्र बीत गयी लेकिन,
सफ़र ख़त्म न हुआ,
इन अजनबी सी राहों में जो,
खुद को ढूँढने निकला।
बीत जाएगा ये सफ़र भी दर्द की राहों का,
मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का,
बढ़ाते रहना कदम, मत रुकना कभी,
होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का।
इन अजनबी सी राहों में,
जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक़्त,
और हसीन सफ़र हो जाये।
मत कर गुरूर खुद के वजूद पर,
इक दिन न इसका नाम-ओ-निशां होगा,
कितना भी भाग लो मौत से लेकिन,
सफ़र-ए-जिंदगी का यही आखिरी मुकाम होगा।
मंजिल बड़ी हो तो,
सफ़र में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो,
सबका वहम टूट जाता है।
सफ़र-ए- जिंदगी का तू अकेला ही मुसाफिर है,
बेगाने हैं ये सब जो अपनापन जताते हैं,
छोड़ जाएँगे ये साथ इक दिन तेरा राहों में,
वो जा आज खुद को तेरा हमसफ़र बताते हैं।
सफ़र-ए-जिंदगी में,
ग़मों की आंधियां भी जरूरी हैं,
खुदा की रहमतों का,
वरना यारों वजूद क्या होगा?
तेरी जिंदगी की असलियत का,
जब तुझ पर असर होगा,
असल में उस समय ही,
शुरू तेरे जीने का सफ़र होगा।
न मंजिल ही मिलती है,
न कारवां ही मिलता है,
जिंदगी के इस सफ़र में,
न खुशियों का जहाँ मिलता है।