बेस्ट 80+ मंच संचालन शायरी…. Best Anchoring…

मंच संचालन शायरी हिंदी में और एंकरिंग शायरी हिंदी के साथ स्कूल या कॉलेज और किसी भी पारिवारिक समारोह में मंच पर प्रस्तुति देने के लिए। हिंदी में एंकरिंग के लिए ये शायरी आपका प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए काफी हैं। इससे पहले हमने किसी भी स्टेज गतिविधि में मेहमानों का स्वागत करने के लिए कुछ बेहतरीन वेलकम शायरी साझा की थी।

किसी ने कहा ग़ज़ल सुनाओ किसी ने कहा गीत सुनाओ किसी ने कहा इन्हें गवाओ किसी ने कहा उन्हें बुलाओ हम तो आपकी हर बात मान रहे आप भी तो हर प्रस्तुति पर ज़ोरदार तालियाँ बजाओ।


खुशियो पर मौज की रवानी रहेगी, जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी, हम यू कार्यक्रम में चार चाँद लगाते रहेंगे, गर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी…।


मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर(पंख) बोलते हैं, रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते हैं।


हर प्रस्तुति में लुत्फ़ है बहारों सी मस्ती है। ऊपर से यहाँ बैठी हर शख्सियत हस्ती है फिर तालियों में कंजूसी क्यों कर हो रही जबकि ये बस्ती तो दिलवालों की बस्ती है।


बूझी शमा भी जल सकती है, तुफानो से कश्ती भी निकल सकती है, हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल, तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है…।


ये व्यक्ति कवि कम, आइटम ज्यादा है गुलाटी ज़वानी वालीं हैं, उम्र से दादा है लेकिन माल चोखा और गारंटी वाला है आपको लोटपोट कर देगा, ये मेरा वादा है।


हौंसला मत हार गिरकर ऐ मुसाफिर अगर दर्द यहाँ मिला है, तो दवा भी यहीं मिलेगी।


हार को जीत की इक दुआ मिल गई, तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई, आप आये श्रीमान जी यूँ लगा जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई।


जिव्हा बैठीं सरस्वती, शब्द-शब्द है नूर मुख्य अतिथि का स्वागतम, दिल से हो भरपूर भाषण बहुत कमाल था, अनुपम सुने विचार ख़ूब बजाओ तालीयाँ, ये सच्चे हकदार।


खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं, ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी, हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं।


कुछ इस तरह मैंने जिन्दगी को आसां कर लिया किसी से माफ़ी मांग ली किसी को माफ़ कर दिया।


सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी।


जब टूटने लगे होसले तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते, ढूंढ लेना अंधेरों में मंजिल अपनी, जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।


कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव हो जाएगा, समंदर में लहरों का महोत्सव हो जाएगा, शोभा आपकी और हमारी दो दूनी चार होगी, जब आपकी तालियों का महोत्सव हो जाएगा…।


कौन पहुंचा है कभी अपनी आखरी मंजिल तक, हर किसी के लिए थोडा आसमान बाकि है… ये तुझको लगता है तू उड़ने के काबिल नहीं, सच तो ये है की तेरे पंखों में अभी भी उड़न बाकि है।


ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना, हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।


थोड़ा सा प्यार थोड़ी सी दुआयें अदा कीजिये। इन बच्चों की लिये ज़ोरदार तालियाँ बजा दीजिये।


जो गर चलना हो साथ, तो अपना हाथ बढ़ा दीजिये… हो गर मन में प्रेम तो फिर मुस्कुरा दीजिये। है आज हमारा, क्या पता कल हो ना हो…. कोई गीत हो मन में तो फिर गुनगुना दीजिये।


ज़िन्दगी तब बेहतर होती है जब हम खुश होते हैं, लेकिन ज़िन्दगी तब बहतरीन होती है जब हमारी वजह से कोई खुश होता है।


तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।


जीत की खातिर बस जुनून चाहिए,\जिसमें उबाल हो ऐसा खून चाहिए। यह आसमां भी आएगा ज़मी पर, बस इरादों में जीत कि गुंज चाहिए।


शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।


अजीज के इन्तजार में ही पलके बिछाते हैं, महफ़िलो की रौनक खास लोग ही बढ़ाते हैं।


रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों! देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।


बिन बूंदो के बारिश का एहसास कैसे होगा, जूनून हो दिल में जिसके वो हताश कैसे होगा, कार्यक्रम के इस रंग का मिज़ाज़ कैसा है, बिन ताली के हमें यह एहसास कैसे होगा…।


मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं, स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं, हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर, ठोकरें इन्सान को चलना सिखाती हैं।


दिलों में विश्वास पैदा करता है, मन में कुछ आस पैदा करता है, मिटटी की तो कुछ बात ही अलग है, ईश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है…।


गम काफ़ूर हो जायेंगे, ख़ुशहालियाँ आएंगी अगर हर प्रस्तुति पर, ज़ोरदार तालियाँ आयेंगी।


दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों (आप) के आने से,।


कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों के सामने, उनमें ताकत ना सही पर होसला होगा ज़रूर इसी तरह तक आगे बढ़ते रहे तो देखना, तय समंदर तक एक दिन फासला होगा ज़रूर।


जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है, कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है, पर जो हर हाल में खुश रहते हैं, जिंदगी उन्ही के आगे सर झुकाती है।


सौ चाँद भी आ जाए तो महफ़िल में वो बात न रहेगी, सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी।


सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार, आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार, इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम इस आयोजन का करें वेलकम।


ससुराल में साली का, घर में घरवाली का भोजन में थाली का, बड़ा महत्व है बागों में माली का, देवियों में काली का कार्यक्रम में ताली का, बड़ा महत्व है।


सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगे खुदा सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो।


जो दिल का हो ख़ूबसूरत, ख़ुदा ने ऐसे लोग कम बनाये हैं, जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये हैं।


हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं, क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाती हैं।


जन-जन की उम्मीद जो, हर मन की जो आस पुलकित आयोजक हुये, पाकर उनको पास ह्रदय डुबोकर हर्ष में, मुदित भाव भरे नैन चलो बजाकर तालियाँ, स्वागत कर लें आज।


चलता रहूँगा मंजिल की और, चलने में माहिर बन जाऊंगा या तो मंजिल मिल जाएगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा।


आज का ये अवसर बड़ा निराला है आज यहाँ पर नूर बरसने वाला है एक बार जोरदार तालीयाँ बजा दें कार्यक्रम अब शुरू होने वाला है।


पता कम है, पड़ताल ज्यादा है उत्तर कम है, सवाल ज्यादा है इसको तालियों की ख़ुराक देते रहना ये व्यक्ति कवि कम, बवाल ज्यादा है।


तुम आ गए हो ख़ुदा का सुबूत है ये भी क़सम ख़ुदा की अभी मैंने तुम को सोचा था।


किसी भी चेहरे पे, मायूसी अच्छी नहीं लगती और आपकी ये लगातार, चुप्पी अच्छी नहीं लगती जोरदार तालियों से, माहौल को महका दो आपकी ये कंजूसी हमें, अच्छी नहीं लगती।


हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।


अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर, तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर… मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त, तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।


बंधन में है दिल एक बहाली तो बनती है, नीरस से माहौल में एक खुशहाली तो बनती है, यह रंग जो बिखरे है पर्दें पर गर समेटने है तो, जनाब आपकी एक ताली तो बनती है…।


रात नहीं ख्वाब बदलता है, मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि, किस्मत बदले न बदले, पर वक्त जरुर बदलता है।


पूजा हो मंदिर में तो थाली भी चाहिए, गुलशन है गुल का तो माली भी चाहिए है, दिल है दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए, कार्यक्रम है हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए…।


भ्रमर परागों पर बैठेगें धरी रहेगी रखवाली खुश्बू ख़ुद उड़ने को आतुर क्या कर लेगा जी माली हम तो खुशी बांटने आये खुशी बांटकर जायेंगे चलो बजा दो सारे मिलकर एक बार खुलकर ताली।


जोड़ने वाले को मान मिलता है, तोड़ने वाले को अपमान मिलता है, और जो खुशियाँ बाँट सके, दुनिया मे उसे सम्मान मिलता है…।


मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान, ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल की शान।


ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर, बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर, अधिक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल, ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर…।


कोई पेशेवर कलाकार नही हैं, फिर भी समर्पित कितने हैं। इनके लिये खूब तालियाँ बजाइये, क्योंकि ये तो हमारे अपने हैं।


देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है, बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है।


अपनी कद्रदानी को इस तरहा ना छिपाइए अगर प्रस्तुति पसंद आई हो तो तालियाँ बजाइए।


आप जब से इस शाम में आएं हैं, दिलों में बहार छाई है… दिन हो गए बदमाश घटाओं में फुहरी छाई है। रातों में खिलती है चांदनी हवाओं में फयार आई है, जिधर देखता हूँ तो लगता है, मानों फूलों की बारात आई है।


ताउम्र बस एक ही सबक याद रखिये, दोस्ती और इबादत में नीयत साफ़ रखिये।


जो खो गया उसके लिए रोया नहीं करते, जो पा लिया उसे खोया नहीं करते। उनके ही सितारे चमकते है ऐ दोस्त, जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते।


वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या, जिस पथ में बिखरें शूल न हों नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराएँ प्रतिकूल न हों।


वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं।


ना संघर्ष, ना तकलीफें…क्या है मजा फिर जीने में तूफान भी थम जाएगा, जब लक्ष्य रहेगा सीने में।


वो आये गये जिनका इंतज़ार था आओ हम खुशियों के दिये जला लें आज के मुख्य अतिथि के स्वागत में सब लोग जोरदार तालियाँ बजा दें।


कव्वाल की शोभा कव्वालियों से होती है, गुलाब की शोभा उसकी लालियो से होती है, कलाकार की शोभा कलाकारियो से होती है, और दर्शको की शोभा उनकी तालियों से होती है…।


यश फैले जयवंत हों, हो अंनत सम्मान गुंजित हो नभ पार तक, आपके सुंदर काम हम सब आभारी हुये, श्रीमान जी आये ताली जरा बजाओ तो, मुख्य अतिथि के नाम।


देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो।


ज़ुबाँ से बात निकलकर, कलाम हो जाये तुम्हारी मिल्कियत, आसमान हो जाये करो तो ऐसा करो, जिन्दगी में काम कोई तुम्हारे काम से, भारत का नाम हो जाये।


चंदा की चकोरी से कभी बात ना होती, गर तुमसे हमारी ये मुलाकात ना होती। इस शाम के लोगों में कुछ बात हे यारों, वरना तो कभी इतनी हसीं रात ना होती।


उस ने वादा किया है आने का रंग देखो ग़रीब ख़ाने का।


फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे।


डर मुझे भी लगा फासला देखकर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर, खुद ब खुद मेरे नजदीक आती गई, मेरी मंजिल मेरा हौंसला देखकर।


देखिये, इस इंसान को देख कर डरिये मत मैं आप सबको यकीन दिलाता हूँ कि ये कवि ही है, बस दिखता थोड़ा अजीब है।


ज़मीर जिन्दा रख, कबीर जिंदा रख, सुल्तान भी बन जाये तो, दिल में फ़कीर जिंदा रख, हौसले के तरकश में कोशिश का वो तीर जिंदा रख, हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ, मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिंदा रख।


काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये; हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जाये; यह जिन्दगी तो सब काट लेते हैं; जिन्दगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये।


ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार, करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार, बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद, तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात…।


दुनियां का हर शौंक पाला नहीं जाता, कांच के खिलोनों को उछाला नहीं जाता। मेहनत करने से हो जाती है मुश्किले आसान, क्योंकि हर काम तक़दीर पर टाला नहीं जाता।


जरूरी नही कुछ तोडने के लिये पत्थर ही मारा जाए। लहजा बदल के बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है।


महको तो ऐसे महको के, फूलो को भी होश आ जाए और ताली ऐसी बजाओ के, कलाकार को जोश आ जाए।


तौड़ के हर एक पिंजरा उड़ चलो आसमा की और, चाहे लाख लगा ले कोई बंदिशें, तौड़ दो हर एक छोर… करना है हर सपने को पूरा बस थान लो एक बार, हर मुश्किल हल होगी जब इरादा होगा तुम्हारा कठोर।


मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में, मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।


पंछी ने जब जब किया पंखों पर विश्वास, दूर दूर तक हो गया उसका ही आकाश।


कभी ख़ुशी कभी गम, ये तो कुदरत के नज़ारे है आप बैठे है हमें सुनने, हमें भी आप प्यारे है बात दिल की दिल तक पहुचे, तो बताना जरुर तालियों का शोर हो तो, कलाकार के बुलंद सितारे है।


तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और कितनी रंगीन मेरी शाम हुई जाती है।


ये नन्हे फूल तब महकते हैं, जब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैं, ये नन्हे मुन्हे फरिश्तो के लिए, जोरदार तालियाँ तो बनती हैं…।


जिसने कहा कल, दिन गया टल, जिसने कहा परसों, बीत गए बरसो जिसने कहा आज, उसने किया राज।


निकाल दे अपने दिल से हर डर को, नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को, दामन भर जाएगा सितारों से तेरा, ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को…।


कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं, जीता वही जो डरा नहीं।


शुक्रिया तेरा तेरे आने से रौनक़ तो बढ़ी वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरे रहते।


क़दम क़दम पे बिछे हैं गुलाब पलकों के तले भी आओ कि हम इंतिज़ार करते हैं।

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