दर्द भरी शायरी, पेनफुल शायरी, दर्द शायरी इन हिंदी | Sad Love Shayari in Hindi

हर किसी के जीवन में एक अवस्था ऐसी होती है जब आप उदास होते हैं। यदि आप उदास और टूटे हुए महसूस कर रहे हैं, तो यह Sad love SMS दर्द भरी शायरी आपको अपने दिल की भावनाओं को समझने और अपने टूटे दिल के दर्द को कम करने में मदद करेंगे। किसी के प्यार में पड़ने पर लगभग सभी दुखी होते हैं, ऐसी स्थिति में दुनिया में सब कुछ बेरंग प्रतीत होता है। हम आपके लिए लेकर आये है कुछ ख़ास चुनिदा दिल को छू जाने वाली दर्द भरी शायरी। जिन्हे आप अपने बेवफा दोस्तों, बेवफा गर्लफ्रेंड अथवा बॉयफ्रेंड को आसानी से शेयर कर सकते है।

आखिर क्यूँ बनाया मुझे ऐ बनाने वाले,
बहुत दर्द देते हैं ये ज़माने वाले,
मैंने आग के उजाले में कुछ चेहरे देखे,
मेरे अपने ही थे मेरा घर जलाने वाले।


खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है,
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है,
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!!


उसके इंतजार के मारे है हम,
बस उसकी यादों के सहारे है हम,
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब,
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम..


ना जाने कब तक ये आँखें उसका इंतज़ार करेंगी,
उसकी याद में कब तक खुद को बेक़रार करेंगी,
उसे तो एहसास तक नहीं इस मोहब्बत का यारो,
ना जाने कब तक ये धड़कन उसका ऐतबार करेगी।


वो कह कर गया था मैं लौटकर आउंगा,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता,
वो झूठ भी बोल रहा था बड़े सलीके से,
मैं एतबार ना करता तो क्या क्या करता..


तुम लौट के आओगे,
इस बात को हम ठुकराने लगे हैं,
हर बदलते पल के साथ,
आँखों से आंसू आने लगे है,
अब किसी को नहीं बनना अपना इस जहाँ में,
इसलिए खुद को तन्हाई की आग में जलने लगे हैं..!!!


दिल के समंदर की सतह पे आके सुन,
खामोशीया किस कदर शोर मचाती है,
दर्द को बहुत मनाया ऑखो से ना छलके,
दुनिया बेकार मे झुटी बाते बनाती है।


कोई रास्ता नही दुआ के सिवा,
कोई सुनता नही खुदा के सिवा,
मैने भी ज़िंदगी को करीब से देखा है मेरे दोस्त,
मुस्किल मे कोई साथ नही देता आँसू के सिवा..


उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर,
अंजाम हमने इश्क़ का सोचा तो रो दिए,
बादल फिजा में आप की तस्वीर बन गए,
साया कोई ख्याल से गुजरा तो रो दिए।


पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वोही जान सकता है,
मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने ज़िंदगी में,
किसी को पाने से पहले खोया हो..


मेरे इस दर्द की वजह भी वो हैं,
और मेरे दर्द की दवा भी तो वो हैं,
वो नमक जख्मों पे लगाते हैं तो क्या,
मोहब्बत करने की वजह भी तो वो हैं।


आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।


याद किसी को करना ये बात नहीं जताने की,
दिल पे चोट देना आदत है ज़माने की,
हम आपको बिल्कुल नहीं याद करते,
क्योकि याद किसी को करना निशानी है भूल जाने की!


तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,
तेरे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी,
क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर,
जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी..!!


वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।


कांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है ‪‎तन्हाई‬।


कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया,
किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते..


मौत तो मोहब्बत है एक दिन गले जरूर लगायेगी,
दिल धड़कता है तो बस इस बात पे क्या उस दिन,
तेरी सूरत नज़रो के सामने कयामत बन के आयेगी,
छोड देंगे ये जहा पर रूह तेरी गलीयो मे रह जायेगी..


दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम में आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,
हम अपना दिल न जलाते तो और क्या करते..


उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता..


ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के,
आज तक कोई फूल ना खिल सका,
बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर,
फिर कभी तेरा पता ना मिल सका..


उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो,
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो,
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है,
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो..


आँखो को इंतजार की सोगात सौंप कर,
मोहब्बत खुद आराम से कही सो जाती है,
ज़िस्म करवट बदलता है रात भर अकेला ,
रूह तेरी गलीयो की बंजारन हो जाती है..


तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैं,
गए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैं,
हम अपनी उदासी से जब भी घबराये,
तेरे ख़याल की छाँव में बैठ जाते हैं..


मत रख हमसे वफा की उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।।


हम जले तो सब चिराग समझ बैठे,
जब महके तो सब गुलाब समझ बैठे,
मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा,
शायरी पढ़ी तो शायर समझ बैठे।

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बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके,
उसको देख के आंसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके..


वो दर्द दे गए सितम भी दे गए,
ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए,
दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का,
हमें कभी ना रोने की कसम दे गए।


जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
वो हम ही से बेगाने हो गए,
शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की,
क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए..


ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है,
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है,
कितनी मासूम और नादान है ये,
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!

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